Thursday 10 August 2023

चारोळ्या

 


चारोळ्या

इटुकल्या धिटुकल्या मटक्यांना

राग झाला अनावर

जरा बांधून ठेवलं तर

तलवारी उपसल्या सरासर ।। 1

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ढगांच्या धक्कबुक्कीत

वीज बिचारी  सापडली

काडकडाड आवाज करत

मोडून जमिनीवर पडली ।। 2

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मटाराच्या शेंगेमध्ये झोपली एक आळी

दार केलं बंद तिने गुपचिळीमिळी

शेंग उघडली आईने तेंव्हा आळस देत बोलली,

`` नका दार उघडू कोणी, होती रात्रपाळी ।। 3

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मटाराच्या शेंगेत बसले आठ दाणे

खुशालचेंडु म्हणतात आहोत चार दुणे

वीस मधून करणार पाहुणे किती उणे

शेंगेमधे बसाया आम्ही आठ दाणे ।। 4

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#लेखणीअरुंधतीची -

 

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